सरकारी कर्मचारियों के सेवा विवादों से सम्बन्धित मामलों को त्वरित एवं संतोषजनक निस्तारण के सुझाव देने की सिफारिश करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा सर्वोच्चय न्यायालय के न्यायमूर्ति श्री शाह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया। शाह समिति ने केवल सेवा मामलों के निस्तारण के लिए स्वतंत्र अधिकरणों की स्थापना की सिफारिश की |
प्रशासनिक सुधार आयोग ने भी स्थिति पर ध्यान देते हुए सरकारी कर्मचारियों से संबंधित अपील को निपटाने के लिए सिविल सेवा अधिकरण की स्थापना की सिफारिश की।
1 मई, 1976 को राज्यों के मुख्य सचिवों के एक सम्मेलन में इस समस्या पर चर्चा हुई और एक अधिनियम बनाने का निर्णय लिया गया | राजस्थान सिविल अपीलीय अधिकरण की स्थापना 1 जुलाई, 1976 को राजस्थान सिविल सेवा (सेवा मामलें अपीलीय अधिकरण) अधिनियम, 1976 के तहत सेवा मामलों और सरकारी कर्मचारियों के प्रासंगिक मामलों के संबंध में विवादों और शिकायतों के निपटारे के लिए की गई है।
इस कदम से यह अपेक्षा है, कि विशेष रूप से सेवा मामलों निस्तारण के लिए अधिकरण की स्थापना न केवल विभिन्न न्यायालयों विशेष रूप से उच्च न्यायालय के कार्यभार को कम करेगी बल्कि अधिनियम द्वारा छायांकित किए गए व्यक्तियों को उनकी शिकायतों जैसे पेंशन, वेतन, निर्धारण और पदोन्नति एवं इस तरह के अन्य मामलों में भी से निपटने के लिए अधिक समय एवं त्वरित राहत प्रदान करेगी ।